हमारे बारे में
बीकानेर की वीरता और गौरव की अमर गाथा
राती घाटी शोध एवं विकास समिति संस्कृति, शोध और वीरता का प्रतीक
राती घाटी युद्ध केवल एक युद्ध नहीं, बल्कि यह मातृभूमि के प्रति निष्ठा, त्याग और साहस का प्रतीक है। हमारी समिति का उद्देश्य इस इतिहास को नई पीढ़ी तक पहुँचाना है — जहाँ राव जैतसी और उनके वीर सेनानायकों की गाथाएँ आज भी प्रेरणा बनकर जीवित हैं। शोध, प्रदर्शनियों और साहित्य के माध्यम से हम राजस्थान की उस वीरभूमि की आत्मा को जन-जन तक पहुँचाने का कार्य कर रहे हैं।
वीरता और त्याग की साधना
राती घाटी की भूमि — वीरता, आस्था और बलिदान का संगम यह युद्ध केवल तलवारों का नहीं था, यह आत्मबल और राष्ट्र-निष्ठा की साधना थी। राव जैतसी और उनके योद्धाओं ने मातृभूमि की रक्षा के लिए जिस साहस का परिचय दिया, वह आज भी हर पीढ़ी के लिए प्रेरणा बनकर जीवित है। 🕊️ “जहाँ रक्त की हर बूंद ने इतिहास लिखा, वहीं जन्मी राजस्थान की वीरता।”
राव जैतसी — साहस और संस्कृति का प्रतीक
शांति में गर्व का संदेश
राती घाटी का यह अध्याय हमें सिखाता है कि
विजय केवल तलवार की नहीं होती, वह आत्मबल, एकता और त्याग की भी होती है।
यह गाथा आज भी हमारे भीतर वीरता, समर्पण और संस्कृति की लौ जलाती है।
🔥 “बलिदान से जन्मा गौरव कभी न मुरझाता — यही राती घाटी की अमर प्रेरणा है।”
राती घाटी की विरासत
राती घाटी — वीरता में छिपी आत्मशांति
बीकानेर की धरती पर लड़ी गई यह गाथा केवल युद्ध की नहीं, बल्कि त्याग, संस्कृति और आत्मबल की यात्रा है। जहाँ रणभूमि की धूल में भी श्रद्धा और शांति का स्पंदन बसता है।
एकता और समर्पण के स्वर
राती घाटी के प्रेरक शोधकर्ता
मिलिए उन समर्पित व्यक्तित्वों से, जिन्होंने राती घाटी की वीरगाथा को शोध, लेखन और सेवा के माध्यम से पीढ़ी दर पीढ़ी जीवित रखा है। ज्ञान, इतिहास और संस्कृति के प्रति इनका योगदान बीकानेर की इस अमर गाथा को विश्व पटल पर स्थापित कर रहा है। “इनके प्रयासों से न केवल इतिहास जीवित है, बल्कि बीकानेर की आत्मा भी आज गर्व से धड़कती है।”
